दिल्ली की खबर है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसान प्रतिनिधियों के साथ 4 जनवरी को दिल्ली में बैठक की। इस बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने मांग रखी कि किसानों को 4 फीसदी ब्याज पर 5 लाख रुपए तक कर्ज दिया जाए। उन्होंने समर्थन मूल्य बढ़ाने और फसल बीमा योजना तथा स्थाई निर्यात नीति बनाने की भी मांग वित्त मंत्री के सामने रखी है। गौरतलब है कि अभी किसान 7% ब्याज पर 3 लाख तक ही कर्ज ले सकते हैं और यदि वे समय पर कर्ज चुका देते हैं तो उन्हें ब्याज में 3 % छूट मिलती है।
दो घंटे की इस बैठक के बाद कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन (सिफा) के सेक्रेटरी जनरल बीडी रामी रेड्डी ने कहा, “किसानों की हालत बेहद खराब है। सरकार उचित कदम नहीं उठा रही। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि संकट के दौर से गुजर रहे कृषि क्षेत्र उबारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हमने किसानों को फसल के लिए 4 फीसदी ब्याज पर 5 लाख रुपए तक कर्ज उपलब्ध कराने की मांग की है। किसान प्रतिनिधियों ने सरकार को कृषि उपज की लागत में 50% मुनाफा जोड़कर समर्थन मूलय तय करने की भी सलाह दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रतिनिधियों से कहा कि कृषि क्षेत्र संकट के दौर से गुजर रहा है। इससे बाहर निकालने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक महत्व दे रही है।
किसान संगठन भारत कृषक समाज (बीकेएस) के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ के मुताबिक सरकार को दो लाख रुपए तक कर्ज पाने वाले किसानों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी करनी चाहिए और इसके लिए एक फीसदी ब्याज लेना चाहिए। सरकार को कृषि कर्ज पर ब्याज में दी जाने वाली छूट खत्म करनी चाहिए और छोटे किसानों को बैंकों से कर्ज उपलब्ध कराने में की पहल करनी चाहिए। फर्टिलाइजर उद्योग की संस्था एफएआई ने बैठक के दौरान कहा कि किसानों को सीधे यूरिया सब्सिडी ट्रांसफर करने की सुविधा शुरू होनी चाहिए। 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया के भुगतान के लिए अगले तीन साल तक बजट में अधिक राशि का आवंटन होना चाहिए। बैठक में सिफा, बीकेएस के अलावा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव इफको, फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञ शामिल हुए।
Jan 05, 2016
दो घंटे की इस बैठक के बाद कंसोर्टियम ऑफ इंडियन फार्मर्स एसोसिएशन (सिफा) के सेक्रेटरी जनरल बीडी रामी रेड्डी ने कहा, “किसानों की हालत बेहद खराब है। सरकार उचित कदम नहीं उठा रही। वहीं वित्त मंत्री ने कहा कि संकट के दौर से गुजर रहे कृषि क्षेत्र उबारने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हमने किसानों को फसल के लिए 4 फीसदी ब्याज पर 5 लाख रुपए तक कर्ज उपलब्ध कराने की मांग की है। किसान प्रतिनिधियों ने सरकार को कृषि उपज की लागत में 50% मुनाफा जोड़कर समर्थन मूलय तय करने की भी सलाह दी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने प्रतिनिधियों से कहा कि कृषि क्षेत्र संकट के दौर से गुजर रहा है। इससे बाहर निकालने के लिए सरकार कृषि क्षेत्र को सबसे अधिक महत्व दे रही है।
किसान संगठन भारत कृषक समाज (बीकेएस) के चेयरमैन अजय वीर जाखड़ के मुताबिक सरकार को दो लाख रुपए तक कर्ज पाने वाले किसानों की संख्या बढ़ाकर दोगुनी करनी चाहिए और इसके लिए एक फीसदी ब्याज लेना चाहिए। सरकार को कृषि कर्ज पर ब्याज में दी जाने वाली छूट खत्म करनी चाहिए और छोटे किसानों को बैंकों से कर्ज उपलब्ध कराने में की पहल करनी चाहिए। फर्टिलाइजर उद्योग की संस्था एफएआई ने बैठक के दौरान कहा कि किसानों को सीधे यूरिया सब्सिडी ट्रांसफर करने की सुविधा शुरू होनी चाहिए। 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया के भुगतान के लिए अगले तीन साल तक बजट में अधिक राशि का आवंटन होना चाहिए। बैठक में सिफा, बीकेएस के अलावा नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव इफको, फर्टिलाइजर एसोसिएशन ऑफ इंडिया आदि संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञ शामिल हुए।
Jan 05, 2016
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