खेत-खलियान पर आपका स्‍वागत है - शिवनारायण गौर, भोपाल, मध्‍यप्रदेश e-mail: shivnarayangour@gmail.com

Sunday, December 30, 2007

बेरोजगारी गांवों में ज्यादा

ग्यारहवीं योजना के अंत में देश में दो करोड़ 34 लाख बेरोजगार होंगे तथा बेरोजगारों की रफ्तार 4.8 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ेगी। योजना आयोग का अंदाजा है कि 2016-17 तक देश में मात्र 51 लाख बेरोजगार ही बचेंगे और बेरोजगारी की रफ्तार में घटकर 1.12 प्रतिशत रह जाएगी। बेरोजगारी के बारे में दो तथ्य खास तौर पर उभरे हैं। एक- बेरोजगारी गांवों में ज्यादा बढ़ी हैं और दूसरा- खेती-बाड़ी में लगे लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार हो रहे हैं। कृषि श्रमिकों में 1993-94 में बेरोजगारी का का प्रतिशत 9.5 था जो 2004-05 में बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया है। इसकी वजह कृषि उत्पाद में कमी होना है। गैर कृषि क्षेत्र में भी बेरोजगारों की तादाद 4.7 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ रही है। अनुसूसित जाति, अनुसूचित जनजाति और आ॓बीसी के लिए आरक्षण करने के बावजूद ़बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। ग्यारहवीं योजना में योजना आयोग ने 5.8 करोड़ नए रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। खास बात यह है कि आयोग ने खेती बाड़ी में काम करने वालों को हतोत्साहित करने की योजना बनायी है। आयोग का आकलन है कि 2007-2012 तक खेती मजदूरों की जरूरत शून्य हो जाएगी और 2016-17 तक 40 लाख मजूदरों को दूसरे में काम पर लगाया जाएगा। प्रधानंमत्री ने स्वयं एनडीसी की बैठक में इस बात की घोषणा की कि खेती पर निर्भरता को कम करे और औघोगीकरण को बढ़ावा दें। 11 वीं योजना में खनन, बिजली-पानी, निर्माण, उत्पादन, व्यापार, होटल, रेस्टोरेंट, परिवहन, भंडारण, वित्त, रीयल स्टेट तथा अन्य सेवाओं में 5.8 करोड़ और 2017 तक 12 करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाएंगे।

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