खेत-खलियान पर आपका स्‍वागत है - शिवनारायण गौर, भोपाल, मध्‍यप्रदेश e-mail: shivnarayangour@gmail.com

Monday, March 7, 2011

पिछले करीब छह माह से मुझे ब्‍लाग पर कुछ भी काम करने का मौका नहीं मिला। इस बात से मुझे थोड़ी चिन्‍ता भी हो रही थी। कई दोस्‍तों ने कहा कि आजकल ब्‍लाग पर कुछ नहीं लिख रहे। उन्‍हें कई तरह से मैंने सन्‍तुष्‍ट करने की कोशिश की कुछ कारण रहें। लेकिन असल बात तो यही है कि मेरी अपनी रुचि इसमें कम हुई है। और असल में छह महीने से लिखने का ही काम बहुत कम हो गया है। यह ज़रूर है कि मैं लगातार कुछ पढ़ रहा हूं। छह महीने में से काफी सारा समय जयपुर में बीता।

आजकल लग रहा है कि ब्‍लाग पर कुछ समय देना चाहिए। इस बीच खेती असल में चर्चा का मुद्दा रही है खासकर मध्‍यप्रदेश में। पिछले तीन-चार माह में जिस तरह से किसानों की आत्‍महत्‍याओं की घटनाएं मध्‍य प्रदेश में हुई हैं वे चिन्‍तनीय हैं। सरकार कह रही है कि करीब 89 किसानों ने मध्‍य प्रदेश में आत्‍महत्‍या की है। मध्‍य प्रदेश जो कि असल में अभी पूरी तरह से नकदी फसल उत्‍पादन की ओर नहीं गया है, इस तरह की आत्‍महत्‍याएं ज्‍यादा चिन्‍ता पैदा करती हैं।
हाल ही भारत सरकार का आर्थिक सर्वेक्षण 2010-11 आया है। इस सर्वेक्षण के खेती वाले हिस्‍से का यहॉं लिंक दे रहा हूँ। आप इसे पढ़ सकते हैं।
http://dl.dropbox.com/u/11694789/economic%20survey%202011%20Agri.pdf

शिवनारायण गौर

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