tag:blogger.com,1999:blog-5174897415179860627.post6465012850749639766..comments2023-04-06T06:09:09.466-07:00Comments on खेत खलियान KHET KHALIYAN: सबसे बड़े कृषि संकट का दौर - पी. साईनाथशिवनारायण गौरhttp://www.blogger.com/profile/15819098586968332359noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5174897415179860627.post-67231556229584863062013-06-03T16:56:18.346-07:002013-06-03T16:56:18.346-07:00पी. साईनाथ जी कहते हैं कि....आज मीडिया का कारपोरेट...पी. साईनाथ जी कहते हैं कि....आज मीडिया का कारपोरेट द्वारा अपहरण हो गया है । इस दौर में मीडिया की नैतिक दुनिया काफी बदल गई है । इन सारी स्थितियों के बीच पत्रकारों की बीट को लेकर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि एक अखबार में दस-पन्द्रह लोग मार्केट कवर कर रहे हैं, फैशन डिजाइन और ग्लैमर संवाददाता हैं, लेकिन ग्रामीण या शहरी गरीबी को कवर करने वाला कोई पूर्णकालिक संवाददाता नहीं है । श्रमिकों और उनकी समस्याओं की कवरेज के लिए कोई संवाददाता नहीं है । इसका मतलब है कि जो 75 प्रतिशत जनता खबर नहीं उसके बारे में बात करने में हमारी कोई रुचि नहीं है...... लेकिन अब उनसे यह कौन बताए कि ग्रामीण पत्रकारिता करने वालों के लिए मीडिया में कोई जगह नहीं है, यदि जगह होती तो एक नए चैनल से मैं कूड़े की तरह छांटा नहीं जाता । लेकिन पी. साईनाथ जी मैं आपके मार्ग का अनुसरण करूंगा जब तक टूट कर बिखरता नहीं ।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10588534608553648972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5174897415179860627.post-87992723125212346232008-04-21T05:05:00.000-07:002008-04-21T05:05:00.000-07:00मुझे तो लगता है हर हिंदी अखबार में पी साईनाथ का सा...मुझे तो लगता है हर हिंदी अखबार में पी साईनाथ का साप्ताहिक कालम शुरू करना चाहिए। ऐसे जानकार पूरे देश में गिने-चुने हैं।अनिल रघुराजhttps://www.blogger.com/profile/07237219200717715047noreply@blogger.com